Sunday, February 13, 2011

राजमुद्रा:

हमारी भी थी एक कहाणी , हमारी भी थी एक हस्ती पुराणी
खांदे पे था दोस्तो का हाथ ,सारा जमाना जीत लेते ऐसा था
यारो का साथ .......
साथ बैठकर करते थे मस्ती , जब सामोसा था सस्ता ,ओर चाय थी सस्ती
दोस्तो के लिये किया बचपन कुर्बान ,आज साले बन बैठे इस धडकन कि जान
छोटी से छोटी बातो को दिलसे लागाय ,फिर भी कमिनो ने जाते जाते खूब हसाया
पढाई का तो सिर्फ बहाणा था ,स्कूल मी तो दोस्तो से मिलने जाना था ,,,,,,
मेरे मरने से पेहले तुझे एक वाद निभाना है ,मेरी अर्थी पे आकर केहना ...
"यार:: उठ कल फिल्म देखणे TIME पर जाना है......

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